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Class 10th Economics Chapter - 2 || भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक प्रश्न और उत्तर हिंदी में

 

 


        अतिलघु उत्तरीय प्रश्न ? (2 अंक)

 

प्रश्न 1. निजी क्षेत्रक से क्या तात्पर्य है?

 

उत्तर--निजी क्षेत्रक में परिसंपत्तियों पर स्वामित्व और सेवाओं के वितरण की जिम्मेदारी एकल व्यक्ति या कंपनी के हाथों में होती है। टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी, बिड़ला कंपनी, महेंद्रा एंड महेंद्रा कंपनी आदि प्रमुख उदाहरण हैं।

 

प्रश्न 2.सकल घरेलू उत्पाद से क्या तात्पर्य है?

 

उत्तरएक अर्थव्यवस्था में एक लेखांकन वर्ष में प्रत्येक क्षेत्रक द्वारा उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य के कुल जोड़ को सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है।

 

प्रश्न 3.संगठित क्षेत्रक से क्या तात्पर्य है?

अथवा संगठित क्षेत्र की परिभाषा दीजिए।

 

उत्तर-संगठित क्षेत्रक सरकार द्वारा पंजीकृत होते हैं तथा इसमें काम करने वालों के रोजगार नियमित होते हैं, इन्हें सरकारी नियमों का पालन करना पड़ता है। इनकी कुछ औपचारिक प्रक्रियाएँ एवं कार्यविधियाँ होती हैं, संगठित क्षेत्रक कहलाता है।

 

प्रश्न 4. द्वितीयक क्षेत्रक क्या है?

 

उत्तर-इसके अंतर्गत प्राकृतिक उत्पादों को उद्योगों में निर्मित करके उपयोग के लायक बनाया जाता है, द्वितीयक क्षेत्रक कहलाता है।

 

प्रश्न 5.  क्षेत्रक से क्या तात्पर्य है?

 

उत्तर-आर्थिक गतिविधियों को महत्त्वपूर्ण मापदंडों के आधार पर विभिन्न समूहों में वर्गीकृत करना क्षेत्रक कहलाता है। 

 

सन 6. तृतीयक क्षेत्रक से क्या तात्पर्य है?

अथवा अर्थव्यवस्था के तृतीयक क्षेत्र से आप क्या समझते हैं? कोई दो उदाहरण दीजिए।

 

उत्तर- यह क्षेत्र किसी वस्तु का उत्पादन नहीं करती बल्कि सेवाओं का उत्पादन करती है। ये क्रियाएँ प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रक के विकास में मदद करती हैं। जैसे वकील, डॉक्टर, शिक्षकों, परिवहन सेवाएँ आदि सेवाएँ प्रमुख हैं।

 

प्रश्न 7. मौसमी बेरोजगारी क्या है?

 

उत्तर-मौसमी बेरोजगारी, बेरोजगारी की वह स्थिति है जिसमें लोगों को पूरे साल काम नहीं मिलता। साल के कुछ महीनों में ये लोग बेरोजगार होते हैं।

 

प्रश्न 8.सार्वजनिक क्षेत्रक से क्या तात्पर्य है

 

उत्तर-सार्वजनिक क्षेत्रक में अधिकांश परिसंपत्तियों पर सरकार का स्वामित्व होता है और सरकार ही सभी सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं। रेलवे और डाकघर सार्वजनिक क्षेत्रक के उदाहरण हैं।

 

प्रश्न 9. प्रच्छन्न (छिपी हुई) बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?

 

उत्तर-भूमि के किसी टुकड़े पर काम करने के लिए जितने लोगों की आवश्यकता होती है, उससे अधिक व्यक्ति काम करते हैं। यहाँ लोग प्रत्यक्ष रूप से काम कर रहे प्रतीत होते हैं किंतु सभी अपनी क्षमता से कम काम करते हैं। इस तरह की बेरोजगारी प्रच्छन्न बेरोजगारी कहलाती है।

 

प्रश्न 10. बेरोजगारी से क्या तात्पर्य है?

 

उत्तर-वह स्थिति जिसमें कोई व्यक्ति काम करना चाहता है तथा उसमें काम करने की क्षमता भी है किंतु फिर भी उसे काम नहीं मिलता है तो उसे बेरोजगारी कहते हैं।

 

प्रश्न 11. सेवा क्षेत्र को परिभाषित कीजिए।

 

उत्तर-परिवहन, संचार, वित्त, बीमा, संग्रहण (Ware-housing), बैंकिंग आदि सेवाएँ प्रदान करने वाले क्षेत्रक को सेवा क्षेत्र कहते हैं। 

 

प्रश्न 12.संरचना क्या है?

 

उत्तर-संरचना भौतिक सुविधाओं, सार्वजनिक सेवाओं का जाल है।

 

प्रश्न 13. नरेगा (NREGA) क्या है?

 

उत्तर-राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट

 

प्रश्न 14.तृतीयक क्षेत्र की क्रियाएँ क्या हैं

 

उत्तरये वे सहायक सेवाएँ हैं, जिनकी प्राथमिक तथा द्वितीयक क्षेत्र की क्रियाओं को क्रियान्वित करने के लिए जरूरत पड़ती है। बैंकिंग, बीमा, परिवहन, संचार आदि तृतीयक क्षेत्र की क्रियाएँ हैं। 

 

प्रश्न 15.निजी क्षेत्र क्या है?

 

उत्तर-ऐसी अर्थव्यवस्था, जिसमें आर्थिक संस्थाओं पर एक व्यक्ति का स्वामित्व, प्रबंधन तथा नियंत्रण होता है। निजी क्षेत्र का मुख्य उद्देश्य अधिकतम लाभ कमाना होता है। उदाहरण के लिए कृषि के लिए खेत, मछलीपालन इकाइयाँ, थोक की दूकानें आदि।




प्रश्न 16. असंगठित क्षेत्र कौन से हैं?

 

उत्तर-वह क्षेत्र जिन पर कोई सरकारी अधिनियम लागू नहीं होता तथा इनमें मजदूरों का शोषण किया जाता है।

 

प्रश्न 17 अल्प रोजगार का अर्थ बताइए।.


उत्तर-जब लोग काम करने को तैयार हों पर इन्हें क्षमता के अनुसार काम करने को मिले तो इस स्थिति को अल्प रोजगार की स्थिति कहते हैं।

 

 प्रश्न 18. तृतीयक क्षेत्रक की कुछ गतिविधियों के नाम बताइए।

 

उत्तर- परिवहन, संचार, बैंकिंग सेवाएँ तथा बीमा सेवाएँ, घरेलू तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार आदि।

 

प्रश्न 19. चतुर्थक क्रियाएँ कौन-सी हैं?

 

उत्तरसूचना तथा टेक्नोलोजी (I.T.), अनुसंधान कार्य आदि।

 

प्रश्न 20. अल्प-बेरोजगारी क्या है?

 

उत्तर-वह स्थिति जिसमें श्रमिक काम तो करते हैं परंतु वे पूर्णतया रोजगार में नहीं लगे होते। श्रमिकों को अपने सामर्थ्य से कम काम दिया जाता है।

 


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