अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. सन्तुलित आहार किसे कहते हैं?
(2016)
उत्तर- वह भोजन, जिसमें भोजन के सभी घटक (वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, प्रोटीन, खनिज लवण तथा जल) आवश्यक तथा सन्तुलित मात्रा में उपस्थित हों, सन्तुलित आहार कहलाता है।
प्रश्न 2. पोषण को परिभाषित कीजिए तथा मृतोजीवी एवं परजीवी पोषण में अन्तर बताइए। (2016)
उत्तर- जीवों द्वारा भोजन तथा अन्य खाद्य पदार्थों के पाचन से पोषक तत्वों को प्राप्त करने की क्रिया को पोषण कहते हैं।
मृतोजीवी जीव मृत कार्बनिक पदार्थों के अपघटन से ऊर्जा प्राप्त करते हैं (उदाहरण- कुछ जीवाणु, कवक), जबकि परजीवी बड़े पोषद् (Host) पर आश्रित रहते हुए उनसे निरन्तर पोषण प्राप्त करते हैं (उदाहरण- टीनिया, जोंक, अमरबेल)।
प्रश्न 3. स्वपोषी पोषण क्या है? उदाहरण देकर संक्षेप में समझाइए | (2019) अथवा स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ कौन-सी है? इसकेउपोत्पाद या अन्तिम उत्पाद क्या है? (NCERT, 2020)
उत्तर- स्वपोषण का शाब्दिक अर्थ है स्वयं को पोषित करना, कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और जल (H2O) से प्रकाश तथा पर्णहरिम की उपस्थिति में प्रकाश-संश्लेषण क्रिया द्वारा अपने भोज्य पदार्थों का निर्माण स्वयं कर लेते हैं। इस प्रकार वे जीव, जो अपने भोजन का निर्माण स्वयं करते हैं, स्वपोषी कहलाते हैं तथा ऐसा पोषण स्वपोषी पोषण कहलाता है। पृथ्वी पर पाए जाने वाले क अधिकांश पौधे स्वपोषित हैं। स्वपोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ जल, कार्बन डाइऑक्साइड, पर्णहरित व सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति होती है और इसके उपोत्पाद ग्लूकोस व ऑक्सीजन है।
प्रश्न 4. प्रकाश-संश्लेषण की परिभाषा लिखिए तथा इसकी रासायनिक
अभिक्रिया का समीकरण दीजिए।
(2016, 14, 13)
अथवा प्रकाश-संश्लेषण की प्रणाली की व्याख्या कीजिए। (NCERT Exemplar)
उत्तर 'प्रकाश-संश्लेषण वह जैव-रासायनिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा सरल अकार्बनिक यौगिकों; जैसे- कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल को प्रकाशीय ऊर्जा (सूर्य का प्रकाश) तथा पर्णहरिम की उपस्थिति में कार्बोहाइड्रेट्स (ग्लूकोस) के रूप में बदल दिया जाता है।'
इस क्रिया में ऑक्सीजन मुक्त होती है। यहाँ उत्पन्न कार्बोहाइड्रेट को पादपों में ऊर्जा की आवश्यकता अनुसार श्वसन में उपयोग कर लिया जाता है तथा शेष ग्लूकोस मण्ड के रूप में संचित होकर खाद्य भण्डारण का निर्माण करता है।
प्रश्न 5. रन्ध्र क्या है? इसकी उपयोगिता स्पष्ट कीजिए। (2020)
उत्तर- पादप की पत्तियाँ तथा अन्य कोमल वायवीय भागों की बाह्य त्वचा में छोटे-छोटे छिद्र पाए जाते हैं। इन्हें रन्ध्र कहते हैं। प्रकाश-संश्लेषण के लिए गैसों का आदान-प्रदान रन्ध्रों के द्वारा होता है।
प्रश्न 6. वयस्क मनुष्य के दन्तसूत्र का उल्लेख कीजिए ।
प्रश्न 7. दन्त क्षरण से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए । (2020)
उत्तर -दन्त क्षरण में इनेमल व डेन्टाइन का मृदुकरण होने लगता है। इसमें जीवाणुओं द्वारा शर्करा से अम्लों का निर्माण होता है, जिससे इनेमल का क्षरण होता है। यहाँ दाँतों में फँसे भोजन के कणों पर जीवाणुओं के समूह चिपक कर दंतप्लैक का निर्माण करते हैं। दाँतों में ब्रश करने से ये प्लैक अम्ल उत्पन्न होने से पहले ही हटा दिया जाता है। सूक्ष्मजीवों के मसूड़ों में पहुँचने के कारण सूजन व संक्रमण उत्पन्न हो जाते हैं।
प्रश्न 8. लार में कौन-सा एन्जाइम होता है और वह किसका पाचन करता है? अथवा लार में कौन-सा एन्जाइम पाया जाता है? उसका नाम लिखिए तथा बताइए कि यह क्या कार्य करता है? (2019)
अथवा भोजन के पाचन में लार की क्या भूमिका है? (NCERT, 2019)
उत्तर-लार में टायलिन या एमाइलेज एन्जाइम पाया जाता है। यह स्टार्च का आंशिक पाचन करता है। मनुष्य में तीन जोड़ी लार ग्रन्थियाँ पाई जाती हैं। लार में उपस्थित टायलिन नामक एन्जाइम की उपस्थिति में मण्ड या स्टार्च माल्टोस शर्करा में बदल जाता है।
प्रश्न 9. कौन-सा एन्जाइम प्रोटीन पाचन में सहायक है? (2010, 09, 05)
उत्तर-आमाशय के जठर रस में पेप्सिन, छोटी आँत के अग्न्याशयी रस में
ट्रिप्सिन, काइमोट्रिप्सिन तथा आँत्रीय रस में इरेप्सिन नामक एन्जाइम मुख्यतया प्रोटीन पाचन में सहायक हैं।
प्रश्न 10. मानव पाचन तन्त्र का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाइए ।
प्रश्न 11. पित्तरस क्या है? यह रस कहाँ स्त्रावित तथा एकत्र होता है? (2020)
उत्तर-पित्तरस यकृत की कोशिकाओं में बनता है। यह पित्ताशय नामक संरचना में संचित रहता है, जोकि यकृत के नीचे स्थित होती है। पित्तरस में पाचक एन्जाइम उपस्थित नहीं होते हैं, किन्तु यह वसा के पाचन में सहायक हैं।
प्रश्न 12. मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रन्थि का नाम लिखिए तथा उसके कार्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर-मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रन्थि यकृत होती है। यकृत के कार्य
•पित्त रस का स्रावण करना।
•यूरिया का संश्लेषण करना।
•हिपेरिन प्रतिस्कन्दन कारक का स्रावण।
• ग्लाइकोजन का संचय करना ।
प्रश्न 13. पाचन क्रिया भौतिक क्रिया है अथवा रासायनिक क्रिया है। (2010)
उत्तर-पाचन क्रिया मुख्यतया एक रासायनिक क्रिया है, साथ-ही-साथ इसमें कुछ भौतिक क्रियाएँ भी सम्पन्न होती हैं
(i) रासायनिक पाचन इसके अन्तर्गत पाचक ग्रन्थियों द्वारा स्रावित रस के एन्जाइम्स जटिल अघुलनशील भोज्य पदार्थों को सरल घुलनशील इकाइयों में तोड़ देते हैं।
(ii) यान्त्रिक या भौतिक पाचन इसमें भोजन को चबाना, आमाशय में भोजन की लुगदी बनाना, आहारनाल में क्रमाकुंचन गति (पेशीय संकुचन) के कारण भोजन को आगे खिसकाना, आदि सम्मिलित हैं।
प्रश्न 14. क्रमाकुंचन से आप क्या समझते हैं?
अथवा आहारनाल में होने वाली क्रमाकुंचन गति का क्या लाभ है? (2011)
उत्तर-आहारनाल में होने वाली क्रमाकुंचन गति भोजन को पाचन नलिका में सुगमता से (लेई के समान) आगे बढ़ाने में सहायक होती है। आमाशय में यह भोजन के पाचन सहायक भी होती है। क्रमाकुंचन गति स्वायत्त तन्त्रिका के नियन्त्रण में एक प्रतिवर्ती क्रिया के रूप में होती है।
प्रश्न 15. वसा का पाचन आहारनाल के किस भाग में होता है? उस पाचक रस का नाम लिखिए, जो वसा के पाचन में सहायक होता है? (2012, 11)
अथवा हमारे शरीर में वसा का पाचन कैसे होता है? यह प्रक्रम कहाँ होता है? (NCERT)
उत्तर वसा का पाचन मुख्य रूप से आहारनाल की छोटी आँत में होता है। ग्रहणी में पित्त रस द्वारा वसा का इमल्सीकरण होता है तथा छोटी आँत में पाए जाने वाले लाइपेज एन्जाइम द्वारा वसा का पाचन किया जाता है। यह भोजन की वसा को वसीय अम्ल तथा ग्लिसरॉल के अणुओं में विखण्डित कर देता है।
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