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जैव प्रक्रम ( विज्ञान ) subject Questions up board Class 10th Science - Jaiv Prakram Question Answer || jaiv prakram prashan

          


                                   लघु उत्तरीय प्रश्न



प्रश्न 1. श्वसन क्रिया को समझाइए। ऑक्सी तथा अनॉक्सी श्वसन में अन्तर बताइए।(2018, 17, 15, 10, 09, 05)

 अथवा वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में क्या अन्तर है? कुछ जीवों के नाम लिखिए, जिनमें अवायवीय श्वसन होता है। (NCERT) 

अथवा वायवीय श्वसन किस प्रकार अवायवीय श्वसन से भिन्न होता है? (NCERT Exemplar)



उत्तर-श्वसन जीवित कोशिकाओं में होने वाली वह ऑक्सीकरण क्रिया है, जिसमें विभिन्न जटिल कार्बनिक पदार्थों; जैसे- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, आदि के अपघटन से कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल मुक्त होते हैं व ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह ऊर्जा विभिन्न शारीरिक क्रियाओं के लिए ATP के रूप में संचित हो जाती है। C6H12O6 + 6O2 → 6CO2 + 6H2O + 673 किलो कैलोरी (38 ATP) 

ऑक्सी श्वसन तथा अनॉक्सी श्वसन में निम्न अन्तर हैं



प्रश्न 2. श्वसन तथा श्वासोच्छ्वास में अन्तर कीजिए। (2019, 13, 11, 10, 09)


उत्तर-श्वसन और श्वासोच्छ्वास में अन्तर



प्रश्न 3. मनुष्य की श्वसन क्रिया में गैसीय विनिमय तथा गैसीय परिवहन किस प्रकार होता है? स्पष्ट कीजिए। (2019)

अथवा मनुष्य में ऑक्सीजन एवं कार्बन डाइऑक्साइड का विनिमय किस अंग में होता है? उसके कार्य को चित्र के माध्यम से स्पष्ट कीजिए।(2019)

अथवा मानव में साँस लेने की प्रक्रिया की व्याख्या कीजिए।(NCERT Exemplar)



 उत्तर-गैसीय विनिमय मनुष्य में कार्बन डाइऑक्साइड तथा ऑक्सीजन का विनिमय फेफड़ों में स्थित संरचना वायु कोष्ठों द्वारा होता है। प्रत्येक वायुकोष या वायुकोष्ठक शल्की उपकला की चपटी पतली कोशिकाओं से बनता है। इनकी कम मोटाई सरलता से गैसीय विनिमय में विशेष योगदान देती है। वायुकोष्ठक या वायुकोषों की बाह्य सतह पर रुधिर केशिकाओं का जाल फैला रहता है, जो फुफ्फुस धमनी के अत्यधिक शाखान्वित होने से बनता है। इन केशिकाओं से शरीर मैं ऑक्सीजनरहित रुधिर आता है, इसमें CO, की मात्रा अधिक होती है वायुकोष्ठकों से CO, बाहर विसरित हो जाती है तथा O, रुधिर केशिकाओं से रुधिर में विसरित हो जाती है। वायुकोष्ठकों की 02 युक्त रुधिर केशिकाएँ आपस में मिलकर रुधिर का निर्माण करती हैं। ये अपेक्षाकृत मोटी होती हैं तथा फुफ्फुस शिरा में खुलती 



O2 का परिवहन फेफड़ों की वायु में 02 का विसरण दाब अधिक होने कारण O, विसरण द्वारा रुधिर कोशिकाओं में पहुँचकर हीमोग्लोबिन से कि करके ऑक्सीहीमोग्लोबिन नामक अस्थायी यौगिक बनाती है। ऑक्सीहीमोग्लो ऊतक में पहुँचकर हीमोग्लोबिन तथा O2 में विघटित हो जाता है। इस प्रकार ऊ या कोशिकाओं को O, प्राप्त होती रहती है।


CO2 का परिवहन कोशिकाओं में भोज्य पदार्थों के जैव-रासायनि ऑक्सीकरण के फलस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। इसी के साथ CO2 तथा H भी बनते हैं। CO, निम्न प्रकार से फेफड़ों तक पहुँचती है


(i) कार्बोनिक अम्ल के रूप में लगभग 5-7% CO2 घुलकर कार्बोनिक अम्ल बनाती है।


(ii) कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन लगभग 10-23% CO2 हीमोग्लोबिन से ब्रि करके कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन बनाती है।


(iii) बाइकार्बोनेट्स के रूप में लगभग 70-85% CO, सोडियम पोटैशियम बाइकार्बोनेट बनाती है। श्वसन सतह पर क्लोराइड शिफ्ट फलस्वरूप CO, मुक्त होकर वातावरण में चली जाती है।



प्रश्न 4. कोशिकीय श्वसन को परिभाषित कीजिए तथा उसकी रूप-रेखा चित्र बनाइए ।


उत्तर-कोशिका के भीतर ग्लूकोस के ऑक्सीकरण से ऊर्जा का मुक्त होना CO♭ का बनना आन्तरिक या कोशिकीय श्वसन कहलाता है। कोशिक श्वसन सभी जीवित कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य व माइटोकॉण्ड्रिया होता है। C6H12O% + 6O2→6CO2 + 6H2O + ऊर्जा



प्रश्न 5. कोशिकीय श्वसन द्वारा मोचित ऊर्जा किस अणु के संश्लेषण में प्रयुक्त होती है? इस अणु के अनृस्थ सहलग्नता खण्डित होने पर कितनी ऊर्जा मोचित होती है? (2020)


उत्तर-कोशिकीय श्वसन द्वारा मोचित ऊर्जा ATP अणु के संश्लेषण में प्रयुक्त होती है। इसमें प्रयुक्त अभिक्रियाओं में 2 ATP अणु ऊर्जा उपयोग में आती है। • एक अणु ADP से ATP के निर्माण के लिए 12 किलो कैलोरी ऊर्जा आवश्यक होती है, अत: कोशिकीय श्वसन क्रिया में 38 ATP अणुओं में कुल 456 किलो कैलोरी ऊर्जा अनुबन्धित होती है। शेष ऊर्जा (673 किलो कैलोरी) ऊष्मा के रूप में विमुक्त हो जाती है।


प्रश्न 6. हीमोग्लोबिन क्या है? यह कहाँ पाया जाता है? श्वसन क्रिया में इसकी क्या भूमिका है?(2014, 09, 08, 07, 06)

अथवा हीमोग्लोबिन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (2014)

अथवा हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के क्या परिणाम हो सकतेहैं? (NCERT)


उत्तर-हीमोग्लोबिन यह एक जटिल प्रोटीन है। इसका निर्माण लौहयुक्त वर्णक हीम तथा ग्लोबिन प्रोटीन से होता है। सभी पृष्ठवंशियों में यह लाल रुधिराणुओं में पाया जाता है। केंचुएँ तथा अपृष्ठवंशियों में यह रुधिर प्लाज्मा में घुला रहता है। हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन से मिलकर अस्थायी यौगिक ऑक्सीहीमोग्लोबिन बनाता है। कोशिकाओं तथा ऊतकों में पहुँचकर ऑक्सीहीमोग्लोबिन विखण्डित होकर ऑक्सीजन को मुक्त कर देता है। यह प्रक्रिया निरन्तर चलती रहती है। अतः हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन श्वसन वर्णक का कार्य करता है, जो ऑक्सीजन के लिए उच्च बन्धुता रखता है। यह श्वसन में सहायता करता है तथा रुधिर में पाए जाने के कारण पूरे शरीर ऑक्सीजन का संचरण इसी के माध्यम से होता है, यदि इसकी अनुपस्थिति रहेगी, तो ऑक्सीजन के परिवहन के बिना हम जीवित नहीं रह पाएँगे।


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